शास्त्री ने रिचर्ड्स-इमरान से की विराट की तुलना, कहा- उसके जैसा प्रतिबद्ध कोई नहीं
- भारतीय कोच ने कुलदीप यादव को टीम का नंबर वन स्पिनर बताया
- शास्त्री ने ऑस्ट्रेलियाई सीरीज में जीत के नायक रहे पुजारा की भी तारीफ की
वेलिंगटन. कोच रवि शास्त्री ने कप्तान विराट कोहली की तुलना सर विवियन रिचर्ड्स और इमरान खान जैसे अपने समय के दिग्गज खिलाड़ियों से की है। साथ ही कुलदीप यादव को टीम का नंबर वन स्पिनर करार दिया। क्रिकेट वेबसाइट क्रिकबज से बातचीत में शास्त्री ने कहा, ‘मैंने उस महान खिलाड़ी को करीब से देखा है। विराट उन खिलाड़ियों में शामिल है, जो जवाब देना जानता है। वह हावी होकर खेलना चाहता है। काम को लेकर उसकी तरह प्रतिबद्ध कोई खिलाड़ी नहीं है।’
विराट जैसा लीडर मिलना भाग्य की बात : भारतीय कोच
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि भारतीय टीम भाग्यशाली है, क्योंकि उसके पास विराट जैसा लीडर है। वह मुझे इस मामले में इमरान खान की याद दिलाता है। वह उदाहरण और मानक स्थापित करता है। वह अपने तरीके से उन्हें परिभाषित करता है और सामने आकर आगे बढ़ाने के बारे में बताता है।’ शास्त्री को यह भी विश्वास है कि एक कप्तान के तौर पर विराट खुद में और सुधार करेंगे।
अश्विन की खराब फॉर्म का भी दिया हवाला
रविचंद्रन अश्विन की खराब फॉर्म का हवाला देते हुए शास्त्री ने कहा, ‘हर किसी का समय होता है। अब विदेश में कुलदीप हमारे नंबर वन स्पिनर होंगे। कुलदीप ने बारिश से प्रभावित सिडनी टेस्ट में पांच विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया के ज्यादातर बल्लेबाज उनकी गेंदों को समझने में नाकाम रहे।’ उन्होंने चाइनामैन स्पिनर कुलदीप के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी टेस्ट में 5 विकेट लेने का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, ‘कुलदीप पहले ही विदेश में टेस्ट क्रिकेट खेल चुका है और पांच विकेट ले चुका है। ऐसे में वह हमारा मुख्य स्पिनर होगा।’
पुजारा की तकनीक में कोई कमी नहीं : शास्त्री
शास्त्री ने ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीत के नायक रहे चेतेश्वर पुजारा की भी जमकर तारीफ की। हालांकि, पुजारा को इंग्लैंड में बर्मिंघम में खेले गए पहले टेस्ट में आखिरी एकादश में जगह नहीं मिली थी। इस पर शास्त्री ने कहा, ‘उनकी तकनीक में कोई कमी नहीं थी, लेकिन उन्होंने क्रीज पर खड़े होने के तरीके में बदलाव किया। इसका उन्हें लाभ मिला। उनके साथ तकनीकी समस्या नहीं थी। यह उनके क्रीज पर खड़े होने के तरीके के कारण था। यह बड़ी बात नहीं थी। मुझे लगा कि इसे सुधारा जा सकता है।’