फ्लिपकार्ट को बेच भारतीय बाजार से बाहर आ सकती है वालमार्ट
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Updated Wed, 06 Feb 2019 06:05 AM IST
ख़बर सुनें
ब्रोकरेज फर्म ने इस सप्ताह जारी रिपोर्ट में कहा है कि एक फरवरी से लागू नए एफडीआई नियमों से यहां का बाजार और जटिल हो जाएगा जिसका असर विदेशी कंपनियों के मुनाफे पर होगा। नए नियमों के तहत फ्लिपकार्ट उन कंपनियों के उत्पाद अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच सकेगा जिनमें उसकी हिस्सेदारी होगी। इस नियम का असर ठीक उसी तरह दिखेगा जैसे चीन में अमेजन को लंबी अवधि में फायदा नहीं दिखा और उसने 2017 के अंत में चीन के बाजार को अलविदा कह दिया था।
कंपनी की 50 फीसदी कमाई पर असर
मॉर्गन स्टेनली ने दावा किया है कि नए नियमों के तहत फ्लिपकार्ट को अपने प्लेटफॉर्म से 25 फीसदी उत्पादों को हटाना पड़ेगा। इस श्रेणी में स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे उत्पाद सबसे ज्यादा आते हैं। कंपनी के लिए गंभीर स्थिति यह है कि उसका 50 फीसदी राजस्व इन्हीं उत्पादों की बिक्री से आता है। नए नियमों के बाद अमेजन को अपनी साइट से दो शीर्ष विक्रेताओं क्लाउडटेल और एपैरियो को हटाना पड़ा है।
दो हजार करोड़ रुपये बढ़ेगा घाटा
ब्रोकरेज फर्म ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कंपनी अपने प्लेटफॉर्म से एक चौथाई उत्पाद हटाती है तो उसे इस साल 20 से 30 फीसदी तक घाटा हो सकता है। इससे कंपनी के कुल घाटे में 2,004 करोड़ रुपये का इजाफा होगा। इससे वॉलमार्ट को भी प्रति शेयर कमाई में 1.5 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ सकता है।
एक लाख करोड़ में खरीदी थी कंपनी
दुनिया की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी वालमार्ट ने मई, 2018 में 1.05 लाख करोड़ रुपये की लागत से फ्लिपकार्ट में 77 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। उस समय इस भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण करीब 1.43 लाख करोड़ रुपये था। इस सौदे के जरिये वालमार्ट की मंशा अपनी अमेरिकी प्रतिद्वंदी अमेजन को भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में सीधी टक्कर देने की थी।